हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह ऐसा कुछ कर जाए जो हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो जाए। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने रविवार को कुछ ऐसा ही कर दिखाया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए महिला वर्ल्ड कप के मैच में मंधाना ने न सिर्फ एक, बल्कि दो खास रिकॉर्ड अपने नाम किए।
उन्होंने एक कैलेंडर ईयर में 1000 वनडे रन पूरे कर पहली महिला क्रिकेटर बनने का गौरव हासिल किया और साथ ही सबसे कम उम्र में, सबसे तेज़ 5000 वनडे रन बनाने वाली खिलाड़ी भी बन गईं। इस आर्टिकल में हम आपको मंधाना की इस शानदार उपलब्धि से जुड़ी हर जानकारी देंगे — इसलिए अंत तक जरूर पढ़ें।
आपको बता दें कि यह कोई आम रिकॉर्ड नहीं है। क्रिकेट के इतिहास में पहली बार किसी महिला बल्लेबाज ने ये दोनों कमाल एक साथ कर दिखाए हैं। अगर आप क्रिकेट के दीवाने हैं या फिर भारत की बेटियों की उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं, तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना आपके लिए जरूरी है। यहां आपको मंधाना की इस उपलब्धि के पीछे की मेहनत, आंकड़े और इससे जुड़ी बाकी अहम बातें बिल्कुल सीधी और आसान भाषा में मिलेंगी।
स्मृति मंधाना ने रचा नया इतिहास: पहली महिला जिनके नाम एक साल में 1000 वनडे रन
स्मृति मंधाना ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले में जबरदस्त बल्लेबाज़ी करते हुए वो कारनामा कर दिखाया जो अब तक कोई भी महिला खिलाड़ी नहीं कर सकी थी। उन्होंने एक ही साल में 1000 वनडे रन पूरे कर लिए। इस रिकॉर्ड तक पहुंचने के लिए उन्हें सिर्फ 18 रन की जरूरत थी, और उन्होंने सोफी मोलिनक्स की गेंद पर शानदार छक्का लगाकर यह मुकाम हासिल किया।
अब तक यह रिकॉर्ड किसके नाम था?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इससे पहले यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया की पूर्व कप्तान बेलिंडा क्लार्क के नाम था जिन्होंने साल 1997 में 970 रन बनाए थे। लेकिन अब मंधाना ने उन्हें भी पीछे छोड़ दिया और नया माइलस्टोन सेट कर दिया।
सबसे कम उम्र में और सबसे तेज़ 5000 रन बनाने वाली खिलाड़ी
सिर्फ एक ही रिकॉर्ड नहीं, स्मृति मंधाना ने वनडे करियर में 5000 रन भी पूरे कर लिए हैं। वह यह मुकाम हासिल करने वाली भारत की दूसरी महिला खिलाड़ी बनी हैं। उनसे पहले मिताली राज ने यह उपलब्धि हासिल की थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंधाना ने यह रिकॉर्ड केवल 129 पारियों में पूरा कर लिया, जिससे उन्होंने स्टेफनी टेलर (129 पारियां) और सूजी बेट्स (6182 गेंदों में) को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने 5568 गेंदों में यह माइलस्टोन छू लिया, जो अब तक का सबसे तेज़ है।
विश्व कप में मिला पहला अर्धशतक, टीम को मिली राहत
हालांकि वर्ल्ड कप के पहले तीन मुकाबलों में मंधाना का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था।
- श्रीलंका के खिलाफ – 8 रन
- पाकिस्तान के खिलाफ – 23 रन
- साउथ अफ्रीका के खिलाफ – 23 रन
लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने जोरदार वापसी की और 46 गेंदों में 7 चौकों और 1 छक्के की मदद से अपना पहला अर्धशतक जड़ा। यह पारी भारत के लिए बहुत जरूरी समय पर आई, जब टीम को मजबूती की सख्त जरूरत थी।
भारतीय महिला क्रिकेट को मिला एक नया मुकाम
स्मृति मंधाना की ये ऐतिहासिक उपलब्धियां सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के लिए भी बहुत मायने रखती हैं। इस तरह के रिकॉर्ड आने वाले युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का काम करते हैं।
- पहली महिला जिसने एक कैलेंडर ईयर में 1000 रन बनाए
- सबसे कम उम्र की और सबसे तेज़ 5000 रन बनाने वाली खिलाड़ी
- मिताली राज के बाद 5000 रन क्लब में शामिल होने वाली दूसरी भारतीय महिला
मंधाना की मेहनत और स्टाइलिश बल्लेबाज़ी
मंधाना को उनकी एलीगेंट बल्लेबाज़ी स्टाइल, आक्रामक अप्रोच और मैदान में आत्मविश्वास के लिए जाना जाता है। उनका यह रिकॉर्ड बताता है कि उन्होंने कितनी मेहनत और समर्पण के साथ खुद को यहां तक पहुंचाया है।
सूत्रों के मुताबिक, मंधाना अपनी फिटनेस, फॉर्म और तकनीक पर काफी मेहनत करती हैं और यही वजह है कि वो आज महिला क्रिकेट की टॉप खिलाड़ियों में गिनी जाती हैं।
स्मृति मंधाना ने अपने दम पर दिखा दिया कि भारतीय महिला क्रिकेट अब किसी भी स्तर पर पीछे नहीं है। उनका यह डबल रिकॉर्ड न सिर्फ उनके लिए बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। अगर आप क्रिकेट के यूजर हैं तो ये उपलब्धि आपके लिए एक मिसाल है — कि मेहनत और लगन से किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है।
मीडिया के अनुसार, मंधाना की यह पारी भारत की महिला क्रिकेट टीम के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। आने वाले मैचों में उनसे और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।
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