शुभमन गिल की उप-कप्तानी पर बड़ा सवाल: किस आधार पर मिली यह ज़िम्मेदारी?

भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों फिर से सुर्खियों में है। वजह है टीम प्रबंधन का हालिया फ़ैसला — शुभमन गिल को टी20 टीम का उप-कप्तान बनाना। जहां एक तरफ़ कुछ लोग इसे “भविष्य की तैयारी” मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारत के पूर्व कप्तान और चयन समिति के चेयरमैन रह चुके कृष्णमाचारी श्रीकांत ने इस फ़ैसले पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। श्रीकांत का कहना है कि इस कदम से टीम का पूरा संतुलन बिगड़ गया है और कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अब अपनी जगह बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

आपको बता दें कि श्रीकांत का यह बयान उस समय आया है जब शुभमन गिल ने टी20 इंटरनेशनल में वापसी के बाद अब तक नौ पारियों में सिर्फ़ 169 रन बनाए हैं, वो भी 24.14 की औसत से। इस प्रदर्शन के बावजूद उन्हें उप-कप्तानी की ज़िम्मेदारी सौंप दी गई, जिससे क्रिकेट यूजर्स के बीच भी तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि आखिर श्रीकांत ने ऐसी आलोचना क्यों की, शुभमन गिल को उप-कप्तान बनाने के पीछे टीम मैनेजमेंट की सोच क्या हो सकती है, और इस फ़ैसले से टीम पर क्या असर पड़ सकता है। अगर आप भी भारतीय क्रिकेट के सच्चे यूजर हैं, तो इसे अंत तक ज़रूर पढ़ें — क्योंकि यहां आपको पूरी जानकारी एक ही जगह पर मिलने वाली है।

शुभमन गिल को उप-कप्तान बनाने का फ़ैसला – क्यों उठे सवाल?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुभमन गिल को उप-कप्तान बनाना टीम के “लॉन्ग-टर्म विज़न” का हिस्सा बताया जा रहा है। चयनकर्ताओं का मानना है कि गिल भारतीय क्रिकेट के भविष्य के कप्तान हो सकते हैं। आईपीएल और वनडे में उनके स्थिर प्रदर्शन ने इस सोच को और मज़बूती दी है।

हालांकि श्रीकांत की नज़र में यह निर्णय टीम बैलेंस को बिगाड़ने वाला साबित हुआ है। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि,

“जब आप किसी खिलाड़ी को उप-कप्तान बना देते हैं, तो उसका खेलना लगभग तय हो जाता है। अब चाहे उसका फॉर्म कैसा भी हो, टीम मैनेजमेंट उसे बाहर नहीं करेगा। ऐसे में बाकी खिलाड़ियों के लिए मौका बनाना मुश्किल हो जाता है।”

यानी अब गिल की जगह लगभग पक्की मानी जा रही है, और यही कारण है कि यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ी टीम से बाहर बैठने को मजबूर हैं।

यशस्वी जायसवाल के साथ ‘अन्याय’?

श्रीकांत ने अपने बयान में साफ कहा कि जायसवाल का रिकॉर्ड गिल से बेहतर है, फिर भी उन्हें टीम में जगह नहीं दी जा रही। उन्होंने कहा —

“पता नहीं जायसवाल क्यों नहीं खेल रहे हैं। उनका आईपीएल और इंटरनेशनल रिकॉर्ड शानदार है। अगर उन्हें लगातार मौके मिलें, तो वे दुनिया के किसी भी गेंदबाज़ की धज्जियाँ उड़ा सकते हैं।”

वहीं, जायसवाल की जगह गिल को मौका देना इस बात का संकेत है कि टीम मैनेजमेंट गिल पर लंबे समय के लिए दांव खेल रहा है, भले ही मौजूदा फॉर्म उनके पक्ष में न हो।

टीम का संतुलन बिगड़ने की चिंता

श्रीकांत ने आगे कहा कि गिल की पक्की जगह ने टीम की कंपोज़िशन को बिगाड़ दिया है।

  • संजू सैमसन और तिलक वर्मा जैसे बल्लेबाज़ अब “फिक्स” नहीं हैं।
  • गेंदबाज़ी में अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ी भी अंतिम एकादश में फिट नहीं हो पा रहे।
  • ओपनिंग स्लॉट पर गिल की मौजूदगी से टीम मैनेजमेंट के पास कम ऑप्शन बचे हैं।

उन्होंने कहा कि सिर्फ़ हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी ही ऐसी स्थिति में टीम में अपनी जगह बना सकते हैं, बाकी सब “अनिश्चितता” की स्थिति में हैं।

टीम मैनेजमेंट की सोच – भविष्य की तैयारी या ज़िद?

मीडिया के अनुसार, टीम प्रबंधन का मानना है कि शुभमन गिल सिर्फ़ एक बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि भविष्य के कप्तान के रूप में उभर सकते हैं। इसलिए उन्हें उप-कप्तानी की ज़िम्मेदारी दी गई है ताकि वे नेतृत्व का अनुभव हासिल करें।

हालांकि कई यूजर्स और क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि कप्तानी या उप-कप्तानी प्रदर्शन के आधार पर मिलनी चाहिए, न कि संभावनाओं पर। गिल के हालिया टी20 रिकॉर्ड को देखते हुए यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या यह फ़ैसला सही समय पर लिया गया है या जल्दबाज़ी में?

निष्कर्ष – क्या टीम को फिर से संतुलन साधने की ज़रूरत है?

आपको बता दें कि श्रीकांत के बयान ने टीम चयन को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। यह बात सच है कि शुभमन गिल भारतीय क्रिकेट का बड़ा नाम बन चुके हैं, लेकिन टी20 फॉर्मेट में उनका प्रदर्शन अभी भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। दूसरी ओर, यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ी फॉर्म में हैं लेकिन मौके से वंचित।

ऐसे में आने वाले मैचों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या टीम मैनेजमेंट गिल पर भरोसा जारी रखेगा या फिर नए खिलाड़ियों को मौका देकर संतुलन दोबारा बनाने की कोशिश करेगा।

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