एशिया कप विवाद पर BCCI का PCB और मोहसिन नकवी को कड़ा संदेश!

भारत की ऐतिहासिक जीत के बाद एशिया कप 2025 की ट्रॉफी को लेकर ऐसा विवाद सामने आया है, जिसने क्रिकेट जगत को हिला कर रख दिया है। मैच जीतने के बाद भी जब टीम इंडिया ने पाकिस्तान के गृह मंत्री और एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष मोहसिन नक़वी से ट्रॉफी लेने से इनकार किया, तो यह मामला अब खेल से आगे बढ़कर एक सम्मान और कूटनीति का विषय बन गया है। बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने साफ शब्दों में कहा कि भारत ने एसीसी से औपचारिक तौर पर संपर्क किया है, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि आखिर यह पूरा विवाद कैसे शुरू हुआ, बीसीसीआई का रुख़ क्या है, आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, और भारतीय टीम ने इस जीत का जश्न किस तरह से मनाया। इसलिए इसे अंत तक ज़रूर पढ़ें क्योंकि यहां आपको इस पूरे विवाद से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी मिलेगी।

एशिया कप ट्रॉफी विवाद: बीसीसीआई का सख्त रुख

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अब इस मामले को हल्के में नहीं लेना चाहता। बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा कि भारत ने दस दिन पहले एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) को एक औपचारिक पत्र भेजा था, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा, “हमने एसीसी से संपर्क किया है, लेकिन कोई अच्छा रिएक्शन नहीं मिला। हम अपने रुख पर कायम हैं और अब यह मुद्दा 4 नवंबर को दुबई में होने वाली आईसीसी बैठक में उठाया जाएगा। ट्रॉफी आएगी, यह तय है — क्योंकि यह भारत ने पूरी ईमानदारी और मेहनत से जीती है।”

सैकिया ने आगे कहा, “अगर हमें उनसे ट्रॉफी लेनी होती, तो हम फाइनल वाले दिन ही ले लेते। लेकिन हमारा रुख साफ है – हम पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नक़वी से ट्रॉफी नहीं ले रहे हैं। यह ट्रॉफी भारत की है, लेकिन उनके हाथों से नहीं।”

विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब भारत ने एशिया कप 2025 के फाइनल में पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया। फाइनल के बाद प्रस्तुति समारोह में मोहसिन नक़वी को विजेता टीम को ट्रॉफी देने के लिए बुलाया गया था। लेकिन भारतीय टीम ने उनके हाथों से ट्रॉफी लेने से साफ इनकार कर दिया।

इस फैसले ने पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया। प्रस्तुति मंच से ट्रॉफी बिना किसी घोषणा के हटा दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह फैसला बीसीसीआई के उच्चाधिकारियों की मंजूरी से लिया गया था और यह पूरी तरह से “राष्ट्रीय सम्मान” से जुड़ा हुआ मामला था।

बीसीसीआई क्यों नहीं लेना चाहता ट्रॉफी नक़वी के हाथों से

भारत-पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव अब क्रिकेट तक पहुंच चुका है। बीसीसीआई का मानना है कि मोहसिन नक़वी न सिर्फ एसीसी के अध्यक्ष हैं, बल्कि पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं, और ऐसे व्यक्ति से ट्रॉफी लेना उचित नहीं होगा।

बीसीसीआई के मुताबिक, भारत ने टूर्नामेंट के दौरान खेल के हर नियम का पालन किया, ट्रॉफी को ईमानदारी से जीता, इसलिए अब यह उसका हक़ बनता है कि वह ट्रॉफी अपने तरीके से प्राप्त करे। भारत का यह रुख देश के सम्मान और स्वतंत्र खेल भावना को दर्शाता है।

भारतीय टीम ने कैसे मनाया जीत का जश्न

ट्रॉफी न मिलने के बावजूद भारतीय टीम ने अपने अंदाज में जीत का जश्न मनाया। कप्तान सूर्यकुमार यादव और खिलाड़ियों ने पूर्व कप्तान रोहित शर्मा की 2024 टी20 विश्व कप फाइनल वाली “स्लो वॉक ट्रॉफी सेलिब्रेशन” को दोहराया। खिलाड़ियों ने काल्पनिक ट्रॉफी उठाकर तस्वीरें खिंचवाईं और सोशल मीडिया पर यह पल यूजर्स के बीच खूब वायरल हुआ।

टीम इंडिया का यह जश्न इस बात का प्रतीक था कि “ट्रॉफी भले ही हमारे हाथों में न हो, लेकिन जीत हमारे दिल में है।” यह सेलिब्रेशन यूजर्स के दिलों को छू गया और भारत की एकता और आत्मसम्मान की झलक दिखा गया।

अब आगे क्या होगा?

बीसीसीआई अब यह मामला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की आगामी बैठक में उठाएगा, जो 4 नवंबर को दुबई में होने जा रही है। सैकिया ने कहा कि भारत ट्रॉफी तो ज़रूर लेगा, लेकिन “किसके हाथ से लेनी है” यह फैसला भारत खुद करेगा।

सूत्रों के मुताबिक, बीसीसीआई ने प्रस्ताव दिया है कि ट्रॉफी किसी तटस्थ देश के प्रतिनिधि के हाथों सौंपी जाए। वहीं, एसीसी की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है, जिससे यह मामला और गंभीर होता जा रहा है।

क्या यह विवाद क्रिकेट कूटनीति की नई शुरुआत है?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह विवाद आने वाले समय में भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों को और प्रभावित कर सकता है। खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना क्रिकेट इतिहास में एक अनोखा उदाहरण बन गई है — जब किसी टीम ने ट्रॉफी जीतकर भी उसे लेने से मना कर दिया।

इससे यह साफ जाहिर होता है कि क्रिकेट अब सिर्फ एक खेल नहीं रहा, बल्कि देशों के बीच सम्मान और रिश्तों का प्रतीक बन चुका ह

आपको बता दें कि भारत ने एशिया कप 2025 का खिताब अपने दमदार प्रदर्शन से जीता, लेकिन ट्रॉफी विवाद ने इस जीत के उत्साह को थोड़ा फीका कर दिया। फिर भी, टीम इंडिया ने दिखा दिया कि असली जीत मैदान पर होती है, न कि मंच पर।

अब सारी निगाहें 4 नवंबर की आईसीसी बैठक पर हैं, जहां यह तय होगा कि भारत को उसकी जीती हुई ट्रॉफी कब और किसके हाथों से मिलेगी। फिलहाल, देशभर के क्रिकेट यूजर्स यही उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही यह विवाद खत्म हो और ट्रॉफी अपने असली मालिक — भारत — तक पहुंचे।

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