भारत की महिला क्रिकेट टीम ने नवी मुंबई में आईसीसी महिला विश्व कप के सेमीफाइनल में जो कमाल किया, वह हर भारतीय के दिल में हमेशा के लिए बस गया। मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारत ने फाइनल में जगह बनाई और इस जीत के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं। मैदान पर जेमिमा रोड्रिग्स के शतक और हरमनप्रीत की शानदार 89 रनों की पारी ने भारत को महिला विश्व कप इतिहास में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने में मदद की। जैसे ही अमनजोत कौर ने विजयी चौका लगाया, पूरा स्टेडियम “भारत माता की जय” के नारों से गूंज उठा।
इस आर्टिकल में हम आपको इस ऐतिहासिक मुकाबले की पूरी जानकारी देंगे — हरमनप्रीत और जेमिमा की भावनात्मक प्रतिक्रिया से लेकर टीम की रणनीति और फाइनल मुकाबले की तैयारियों तक। इसलिए अगर आप भी भारत की इस जीत से रोमांचित हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें, क्योंकि इसमें वो सारी बातें हैं जो आपके दिल को छू जाएंगी और इस ऐतिहासिक जीत को और भी खास बना देंगी।
भारत की यादगार जीत: हरमनप्रीत और जेमिमा की साझेदारी बनी मैच की जान
ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए फोएबे लिचफील्ड (117), एलिस पेरी (77) और एश्ले गार्डनर (63) की मदद से 338 रनों का बड़ा स्कोर भरा। लेकिन भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रोड्रिग्स ने मिलकर इस स्कोर को छोटा साबित कर दिया। दोनों के बीच 167 रनों की कमाल की साझेदारी ने मैच का रुख पूरी तरह भारत के पक्ष में मोड़ दिया।
हरमनप्रीत ने 89 गेंदों पर 89 रन बनाए और जेमिमा ने शानदार शतक जड़ा। उनकी ये साझेदारी सिर्फ रन नहीं, बल्कि जुनून, भरोसे और टीम स्पिरिट का प्रतीक थी। अमनजोत कौर ने विजयी चौका लगाकर जैसे ही भारत को जीत दिलाई, हरमनप्रीत भावुक होकर जेमिमा को गले लगाने दौड़ीं — यह पल पूरे भारत के लिए गर्व का था।
“हमने वह रेखा पार कर ली है” — हरमनप्रीत कौर
मैच के बाद प्रस्तुति समारोह में हरमनप्रीत ने कहा,
“बहुत गर्व है। शब्द नहीं हैं खुद को व्यक्त करने के लिए। इस बार हमने वह रेखा पार कर ली है जिसके लिए हम इतने सालों से मेहनत कर रहे थे।”
उन्होंने टीम और कोच अमोल मजूमदार की छह महीने की मेहनत को इस जीत का असली कारण बताया। हरमनप्रीत ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ मिली हार से उन्होंने बहुत कुछ सीखा और सेमीफाइनल से पहले उसी पर चर्चा की थी। टीम का एकमात्र लक्ष्य था — किसी भी परिस्थिति में शांत रहकर मैच को अपने पक्ष में करना।
आखिरी पाँच ओवरों की रणनीति ने बनाया भारत को विजेता
हरमनप्रीत ने बताया कि टीम मीटिंग में यह साफ कहा गया था कि अंतिम पाँच ओवर बहुत सोच-समझकर खेलने होंगे।
“हम 50वें ओवर से पहले मैच खत्म करना चाहते थे और हमने वही किया,” उन्होंने कहा।
भारत की बल्लेबाज़ों ने धैर्य और जिम्मेदारी का कमाल दिखाया। दीप्ति शर्मा और ऋचा घोष की छोटी लेकिन अहम पारियों ने जीत को आसान बना दिया।
जेमिमा रोड्रिग्स — जीत की असली हीरो
हरमनप्रीत ने जेमिमा की तारीफ़ करते हुए कहा,
“वह हमेशा टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहती हैं। उनकी सोच और ज़िम्मेदारी का स्तर देखकर मैं हैरान थी। उनके साथ बल्लेबाज़ी करना हमेशा मज़ेदार होता है।”
जेमिमा की शतक वाली पारी ने भारतीय यूजर के दिलों को जीत लिया। उनकी हर बाउंड्री पर स्टेडियम में जोश देखने लायक था।
फाइनल पर नज़र — अब नजरें दक्षिण अफ्रीका पर
भारत अब रविवार को दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगा। हरमनप्रीत ने कहा कि टीम अब पूरी तरह फाइनल पर फोकस कर चुकी है।
“अभी एक और मैच बाकी है। आज हमने अच्छा खेला लेकिन अब हमारी नज़र ट्रॉफी पर है। घरेलू मैदान पर खेलना खास होता है और हम अपने फैन्स को कुछ लौटाना चाहते हैं।”
भीड़ का प्यार और टीम की एकजुटता
हरमनप्रीत ने मैच के बाद स्टेडियम में मौजूद भारी भीड़ का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा,
“हम अकेले नहीं खेल रहे हैं। हमारे लोग हमारे साथ हैं। जब हम हारे भी, तो उन्होंने कहा — यह विश्व कप अभी खत्म नहीं हुआ है। पूरा देश हमारे साथ है।”
यानी भारत की यह जीत सिर्फ मैदान पर नहीं, बल्कि हर दिल में दर्ज हुई है। यह वह पल है जिसने साबित कर दिया कि भारतीय महिला टीम अब किसी भी बड़ी चुनौती का सामना करने से नहीं डरती।
भारत की यह जीत सिर्फ क्रिकेट की नहीं, बल्कि उन सभी सपनों की जीत है जो हर भारतीय लड़की अपने बैट और बॉल के साथ देखती है। हरमनप्रीत और जेमिमा की यह साझेदारी आने वाले खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा बन गई है। अब पूरा देश फाइनल का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है — क्योंकि इस बार “हर दिल में है टीम इंडिया”!