जब बात क्रिकेट की होती है, तो भारत और ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला हमेशा खास होता है। लेकिन जब मैदान पर उतरते हैं विराट कोहली जैसे दिग्गज, तो पूरा माहौल ही कुछ और हो जाता है। हाल ही में पर्थ में खेले गए पहले वनडे में कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला। विराट की वापसी पर स्टेडियम में जो आवाज़ गूंजी, उसने हर किसी का ध्यान खींच लिया — यहाँ तक कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी मैथ्यू शॉर्ट भी इस पल से बेहद प्रभावित हुए।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि आखिर विराट कोहली की मैदान में एंट्री पर क्यों इतना जबरदस्त माहौल बना, और मैथ्यू शॉर्ट ने इस अनुभव को “कमाल का” क्यों बताया।
आपको बता दें, इस लेख में आपको इस मैच से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी मिलेगी। हम सिर्फ मैच का हाल ही नहीं बताएंगे, बल्कि उस माहौल का भी ज़िक्र करेंगे जिसने खिलाड़ियों और यूज़र्स दोनों के दिल को छू लिया।
इसलिए अगर आप जानना चाहते हैं कि पर्थ के स्टेडियम में क्या खास हुआ, और कैसे एक खिलाड़ी की एंट्री ने लाखों दिलों को झकझोर दिया — तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
विराट कोहली की वापसी और पर्थ में उमड़ा जुनून
पर्थ का स्टेडियम हमेशा से तेज गेंदबाज़ों की मददगार पिच के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार चर्चा पिच की नहीं, बल्कि एक नाम की थी — विराट कोहली। लंबे समय बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर रहे कोहली जब बल्लेबाज़ी के लिए मैदान में उतरे, तो ऐसा लगा जैसे पूरा स्टेडियम उनके स्वागत के लिए ही आया हो।
मैच के दौरान रोहित शर्मा और शुभमन गिल के जल्दी आउट होने के बाद जैसे ही विराट क्रीज़ की ओर बढ़े, हजारों यूज़र्स ने खड़े होकर तालियों और चीख-पुकार से उनका ज़ोरदार स्वागत किया। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मैथ्यू शॉर्ट ने भी इस पल को “एक कमाल का अनुभव” बताया और कहा कि ये उनके करियर के सबसे यादगार लम्हों में से एक था।
मैथ्यू शॉर्ट ने क्यों कहा – ‘यह एक अद्भुत अनुभव था’
मैथ्यू शॉर्ट ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में उस पल को विस्तार से याद किया। उन्होंने कहा:
“जब विराट मैदान में आए, तो ऐसा लगा मानो कोई सुपरस्टार किसी शो में एंट्री कर रहा हो। शोर इतना ज़्यादा था कि मैं खुद भी कुछ सेकंड के लिए रुक गया। मुझे आउट हुए खिलाड़ी के लिए अफ़सोस भी हुआ, क्योंकि फैंस की खुशी साफ बता रही थी कि वे किसे देखने आए हैं।”
शॉर्ट ने आगे कहा कि ये दिखाता है कि भारतीय यूज़र्स को क्रिकेट और अपने नायकों से कितना लगाव है। उन्होंने इसे एक मज़ेदार लेकिन बेहद भावुक अनुभव बताया।
विराट कोहली की बल्लेबाज़ी रही फीकी, लेकिन दिल जीत लिया
हालांकि कोहली का बल्ला इस मैच में खामोश रहा और वे सिर्फ आठ गेंदों पर शून्य पर आउट हो गए, लेकिन उनकी मौजूदगी ही दर्शकों के लिए किसी जीत से कम नहीं थी। भारत ने यह मुकाबला सात विकेट से गंवा दिया, लेकिन स्टेडियम में मौजूद हज़ारों भारतीयों के लिए कोहली की वापसी ही सबसे बड़ा पल था।
भारतीय यूज़र्स का जोश: मैदान के बाहर भी दिखा असर
- टिकट खिड़कियों पर लंबी कतारें
- भारतीय झंडों और चेहरों पर रंगों की भरमार
- ‘कोहली-कोहली’ के नारे हर चौके-छक्के से ज़्यादा गूंजते रहे
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पर्थ स्टेडियम में मौजूद कुल दर्शकों में से 60% से अधिक भारतीय थे। यह बताता है कि कोहली की फैन फॉलोइंग सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में फैली हुई है।
क्या कहती है यह घटना भारतीय क्रिकेट के बारे में?
इस घटना से एक बात साफ होती है — भारतीय क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, एक जुनून है। विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों के लिए यूज़र्स की दीवानगी उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाती है। भले ही कोहली रन न बना पाए हों, लेकिन उनके लिए जो प्यार और समर्थन मैदान में देखने को मिला, वह किसी जीत से कम नहीं था।
से बड़ा होता है भावना का जुड़ाव
पर्थ में जो हुआ, वह सिर्फ एक क्रिकेट मैच नहीं था। वह एक भावना थी, एक जुड़ाव था — विराट कोहली और करोड़ों यूज़र्स के बीच। मैथ्यू शॉर्ट जैसे प्रतिद्वंदी खिलाड़ी का इस भावना को सराहना करना दर्शाता है कि खेल लोगों को जोड़ता है, चाहे वे किसी भी देश के क्यों न हों।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कोहली भले ही इस मैच में कुछ खास नहीं कर पाए, लेकिन उनकी अगली पारियों का इंतज़ार अब और भी ज़्यादा बेसब्री से किया जाएगा।
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